क्या अपने किसी ऐसे बच्चे को देखा है जो किसी से बात करने मे डरता हो ,किसी से आँख मिलाने से बचता हो,हर काम को एक तय routin से करता हो और दुनिया को अलग नजरिए से देखता हो तो उसे autism [ASD] नाम का neuro विकास संबंधी विकार हो सकता है

autism को ASD या autism spectrum disorder क्यू कहते है -

autism को spectrum इसलिए कहा जाता है,क्युकी इसके sign ,symptom,intensity एक बच्चे से दूसरे बच्चे मे अलग हो सकते है 

autism को कैसे पहचाने?आइए जानते है -[1]जन्म के साथ से-बच्चे के mildstone नहीं आ पाते ex-बच्चा नाम पुकारने पर कोई action नहीं करता आवाज के प्रति संवेदनशील नहीं होता,autism तंत्रिकतंत्र संबंधी विकार है इसमे बच्चा किसी और व्यति से आँख मिलाने संवाद करने से बचता है ,इसके कारण बच्चों मे sensory issues हो जाते है ex -तेज आवाज तेज लाइट किसी भी colour के प्रति संवेदनशीलता इत्यादि। इस disorder मे अक्सर बच्चे काही गई बातों को बार बार दोहराते है जिसे medical science मे echolalia कहा जाता है 

[2] अति संवेदनशीलता -बच्चे का बिना बात चिड़चिड़ाना,रोना,स्वयं को हानि पहुचाना ,

[3]शारीरिक क्रिया -इसमे बच्चा एक जगह स्थिर होकर नहीं बैठता है,बच्चा अपने हाथ पैर लगातार चलाते राहत है तरह तरह की आवाज़ें निकलता है। 

[4] memory संबंधी समस्या -बच्चे को कुछ याद रखने अपने relatives को पहचानने मे दिक्कत होती है ऐसे बच्चे पढ़ाई लिखाई मे भी कमजोर रह जाते है वह खुद मे ही खोए रहते है बाहरी जगत से उनका कटाव रहता है 

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